सचिन मिश्रा 08

Friday, July 10, 2009

बरसो रे मेघा




वीरवार को बादल छाए उमड़े-घुमड़े और बिना बरसे ही चले गए। उत्तर भारत में बिना बारिश के कृषि सूख रही है। किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। आसमान की ओर टकटकी लगाए देखता किसान शायद यहीं दुआ कर रहा है कि अब तो बरसो मेघा।

4 Comments:

At July 10, 2009 at 3:45 AM , Blogger Udan Tashtari said...

कामना करते हैं जल्दी बरसें.

 
At July 10, 2009 at 3:57 AM , Blogger mehek said...

barsaat ho yahi dua hai.

 
At July 10, 2009 at 10:39 AM , Blogger संगीता पुरी said...

सबकी यही कामना है .. पूजा पाठ भी किए जा रहे है .. ईश्‍वर अवश्‍य कृपा करेंगे ।

 
At July 10, 2009 at 1:25 PM , Blogger राज भाटिय़ा said...

हम भी यही कामना करते है कि जल्द बरसे...

 

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