सचिन मिश्रा 08

Sunday, August 24, 2008

रिश्ते हैं रिश्तों का क्या

मुशर्रफ ने गुडबाय क्या कर दिया
राष्ट्रपति पद के तलबगारों को बढ़ा
दिया

नहीं चल पा रही गठबंधन सरकार
और बन गए आर-पार के आसार

जरदारी-नवाज के बीच टूट रहा रिश्ता
काम नहीं आ रहा कोई फरिश्ता.

1 Comments:

At August 25, 2008 at 2:58 PM , Blogger pallavi trivedi said...

bahut badhiya...

 

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